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Hanuman Vadvanal Stotra-हनुमान वाडवानल स्तोत्र

Hanuman Vadvanal Stotra-हनुमान वाडवानल स्तोत्र



Hanuman Vadvanal Stotra is a very miraculous stotra to be  chanted by people to  free themselves of health problems and to remain healthy.Chant this stotra 108 times to get full benefit.

Helps a person come out of every problem in his life the chanting of this stotra is very powerful and gives miraculous effect on a person. Chatting of this stotra helps in removing all obstacles in life and makes his life happy.  

All sins knowingly and unknowingly committed by a person in his lifetime this stotra will help him come out of all the ill effects of his sin. if a person is facing a lot of difficulty in life he should chant this  stotra1200 times and gradually his problems will resolve.


People getting bad dreams should chant this mantra once before going to bed and slowly he will be free of such issues.

specially a person in a Government job having problems in getting a promotion and salary hike should chant this 120 times a day for 42 days.

method or vidhi  of chanting this stotra.

Sankalp should be taken and an idol of hanuman should be placed on a red cloth and a lighted lamp of til or mustard oil should be placed in front of the idol and chant this stotra as per his problems.


Hanuman Vadvanal Stotra-हनुमान वाडवानल स्तोत्र



विवियोगम्
ॐ अस्य श्रीहिुमाि िडिािलस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र
ऋव िः,
श्रीहिुमाि् िडिािल देिता ह्ाां बीजम् ह्ी ां शक्तां स ां
कीलकां ,
ममसमस्त विघ्नदो वििारणार्थे, सिवशत्रुक्षयार्थे,
सकलराजकु ल सांमोहिार्थे, मम समस्तरोग प्रशमिार्थवम्,
आयुरारोग्यैश्वयाववििृद्धयर्थंसमस्तपापक्षयार्थं,
श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थंच हिुमद् िडिािल स्तोत्र जपमहां
कररष्ये।
ध्यािम्
ॐ ह्ाां ह्ी ां ॐ िमो िगितेश्रीमहाहिुमतेप्रकट पराक्रम,
सकलवदङ्मण्डल यशोविताि धिलीकृ त जगतवत्रतय,
िज्रदेह रुद्राितार लांकापुरीदहय उमाअगवल मांत्र,
उदवधबांधि दशवशरिः कृ तान्तक सीताश्वसि िायुपुत्र,
अञ्जिीगिवसम्भूत श्रीरामलक्ष्मणािन्दकर कवपसैन्यप्रकार,
सुग्रीि साह्यकरण पिवतोत्पाटि कु मारब्रह्मचाररि्
गांिीरिाद,
सिवपाप ग्रहिारण सिवज्वरोच्चाटि डावकिी शावकिी
विध्वांसि,
ॐ ह्ाां ह्ी ां ॐ िमो िगितेमहािीरिीराय सिवदुख,
वििारणाय ग्रहमण्डल सिविूतमण्डल
सिववपशाचमण्डलोच्चाटि,
िूतज्वर-एकावहकज्वर द्वयावहकज्वर त्र्यावहकज्वर,
चातुवर्थवकज्वर, सांतापज्वर, वि मज्वर, तापज्वर,
माहेश्वरिैष्णिज्वराि् विक्न्द-2 यक्ष ब्रह्मराक्षस,
िूतप्रेतवपशाचाि उच्चाटय-2 स्वाहा।
ॐ ह्ाां ह्ी ां ॐ िमो िगितेश्रीमहाहिुमते,

ॐ ह्ाां ह्ी ां ह्ूां ह्ैंह् ां ह्िः आां हाां हाां हाां हाां,ॐ स ां एवह एवह
ॐ हां ॐ हां ॐ हां ॐ हां,
ॐ िमो िगितेश्रीमहाहिुमतेश्रिणचक्षुिूवतािाां,
शावकिी डावकिीिाां वि मदुष्टािाां सिववि ां हर-2,
आकाशिुििां िेदय-2 िे दय-2 मारय-2,
शो य-2 मोहय-2 ज्वालय-2,
प्रहारय-2 शकलमायाां िेदय-2 स्वाहा।
ॐ ह्ाां ह्ी ां ॐ िमो िगितेमहाहिुमतेसिवग्रहोच्चाटि,
परबलां क्षोिय-2 सकलबांधि मोक्षणां कु रकु रु,
वशरिःशूल गुल्मशूल सिवशूलाविमूवलय विमूवलय,
िाग-पाशािन्त िासुवकतक्षक ककोटकावलयाि,
यक्षकु ल जगतरावत्रञ्चर-वदिाचर सपावविविव ां कु रु-2 स्वाहा।



हनुमान वाडवानल स्तोत्र के फायदे:
हनुमान वडवनल स्तोत्र एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है जिसका जाप लोगों द्वारा स्वयं को स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्त करने और स्वस्थ रहने के लिए किया जाता है। पूर्ण लाभ पाने के लिए इस स्तोत्र का 108 बार जाप करें।

व्यक्ति को उसके जीवन की हर समस्या से बाहर निकलने में मदद करता है इस स्तोत्र का जाप बहुत शक्तिशाली है और व्यक्ति पर चमत्कारी प्रभाव डालता है। इस स्तोत्र का जप करने से जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है और उसका जीवन सुखमय हो जाता है।
किसी व्यक्ति द्वारा अपने जीवनकाल में जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप यह स्तोत्र उसे उसके पापों के सभी बुरे प्रभावों से बाहर आने में मदद करेगा। यदि कोई व्यक्ति जीवन में बहुत कठिनाई का सामना कर रहा है तो उसे इस स्तोत्र का १२०० बार जाप करना चाहिए और धीरे-धीरे उसकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

बुरे सपने देखने वाले लोगों को सोने से पहले एक बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए और धीरे-धीरे वह इस तरह के मुद्दों से मुक्त हो जाएगा।
विशेष रूप से एक सरकारी नौकरी में एक व्यक्ति को पदोन्नति और वेतन वृद्धि में समस्या हो रही है, उसे 42 दिनों के लिए दिन में 120 बार इसका जाप करना चाहिए।
इस स्तोत्र के जाप की विधि या विधि।
संकल्प लेना चाहिए और लाल कपड़े पर हनुमान जी की मूर्ति रखनी चाहिए और मूर्ति के सामने तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस स्तोत्र का जाप अपनी समस्या के अनुसार करना चाहिए।






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